Friday, 2 September 2016

Jaya Kishori Ji Personal details, Bio data, Religious Career

Personal Detail:-        बालव्यास   राधास्वरुपा पूज्या जया "किशोरीजी" का जन्म राजस्थान की मरुधर पावन भूमि के सुजानगढ़ नामक गॉव में गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ। दादाजी एवं दादीजी के सानिध्य में रहने और घर में भक्ति का माहौल रहने के कारण बचपन में ही मात्र 6 वर्ष की अल्पआयु में ही आपके हृदय में भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेमभाव जागृत हो गया। बचपन में दादाजी एवं दादीजी के द्वारा भगवान की करुणा, उदारता और भक्त के प्रति अनन्य प्रेम से जुड़ी कहानियां सुनकर आपके मासूम और निश्चल कोमल हृदय में भगवान के प्रति दृढ़ विश्वास बढ़ता चला गया और यही प्रेमभाव, भक्तिभाव 6 वर्ष की छोटी बालिका जया "किशोरीजी" के मुखारबिन्द से ऐसा उमड़ा, जिसने भजनों के माध्यम से जन-जन के हृदय को बहुत ही गहराई से छुआ। बचपन से ही परम पूज्य गोलोकवासी स्वामी श्री रामसुखदासजी महाराज की वाणी से अत्यधिक प्रभावित होकर उनकी वाणी को ही आपने अपना गुरु स्वीकार कर लिया और उनके द्वारा गाये गये "नानी बाई रो मायरो" को अपनी मातृभाषा मारवाड़ी (राजस्थानी) भाषा में तैयार किया और फिर इसे जन-जन के हृदय तक पहुंचाया

Education :-  मात्र 9 वर्ष की अल्पआयु में ही आपने संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरुद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् आदि कई स्तोत्रों को गाकर जन-जन का मन मोह लिया। 10 वर्ष की अल्प आयु में ही आपने अमोघफलदायी सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड गाकर लाखों भक्तों के मन में अपना एक विशेष स्थान बना लिया। आपके तात्कालिन गुरु भागवताचार्य ज्योतिषाचार्य गुरुदेव पं. श्री विनोदकुमारजी सहल हैं, जिनसे आप श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।


Present Working -  Nani Bai Ko Mayro, Shree Mad Bhagwar Katha, Ramayan etc...


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