Thursday, 1 September 2016

तुजे ओढ़ लू या तेरा लिबास हो जाऊ , ! तेरे रंगों में ढल कर इक अहसास हो जाऊ इक रात जो मिले मुझे तेरी ज़ात से तू समंदर बन जा और में तेरी प्यास बन जाऊ तेरे वजूद से है मेरे चेहरे पे ख़ुशी की खनक तेरा चहेरा ना देखू तो श्यामा उदास हो जाऊ फक्त इतनी सी ख्वाइश हे जिंदगी में कनैया फिर भले में किस्सा बनू या फना हो जाऊ तेरे लब्स तेरे हाथ मेरे इक इक नक्श अमर कर ले तू मुझे भूल ना पाए मैं इतनी तेरी ख़ास हो जाऊ....Radhe Rani Kripa.

 

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