Sunday 2 April 2017

कृष्ण विरह पद |ब्रजवासी विरह व्यथा | गोपी महाभाव


चलन, चलन, स्याम कहत, लैन कोउ आयौ ।नंद-भवन भनक सुनी, कंस कहि पठायौ ।।
                                     ब्रज की नारि, गृह बिसारि, व्याकुल उठि धाईं 
                                समाचार बूझन कौं, आतुर ह्वै आईं ।।
                                     प्रीति जानि, हेत मानि, बिलख बदन ठाढ़ीं ।
                                     मानहु वै अति बिचित्र, चित्र लिखी काढ़ीं ।
                                           ऐसी गति ठौर-ठौर, कहत न बनि आवै ।
                                             सूर स्याम बिछुरैं, दुख-बिरह काहि भावै ।।

विरह पद | कृष्ण की याद में विरह |गोपी विरह | ब्रजवासी विरह | कृष्ण के लिए वियोग



ब्याकुल भए ब्रज के लोग ।
स्याम मन नहिं नैकु आनत, ब्रम्ह पूरन जोग ।।

कौन माता, पिता को है, कौन पति, को नारि ।
हँसत दोउ अक्रूर के सँग, नवल नेह बिसारि ।।
कोउ कहत यह कहा आयौ, क्रूर याकौ नाम ।
सूर-प्रभु लै प्रात जैहै, और सँग बलराम ।।

Saturday 3 September 2016

Vijendra Kumar Bio Data, Personal Profile, Career details.

Personal Details:Vijendra Kumar  is a Profession Person of Dausa, Rajasthan, India. He was Born on 15 August  1995 in  Mitrapura, Dausa, Rajasthan, India.His Fathes Name is Hari Ram and Mother's Name is Rajjo Devi. He was Completed Her Education in Bechlor of Commerce in University of  Rajasthan, India. He is very Honesty Person.

Education Detail:-  Bachelor of Commerce from University of Rajastha, India in 2016.

Career:-  He want to Become his Career in Government Job so, he is Running his Study.

Present Woking:-  Performance Technology Dausa,                                                As a Computer Operator.

Hobby:-  Listening is ShreeMad Bhagwar Katha, Ramayan.& Bhajan Singing.

Friday 2 September 2016

Jaya Kishori Ji Personal details, Bio data, Religious Career

Personal Detail:-        बालव्यास   राधास्वरुपा पूज्या जया "किशोरीजी" का जन्म राजस्थान की मरुधर पावन भूमि के सुजानगढ़ नामक गॉव में गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ। दादाजी एवं दादीजी के सानिध्य में रहने और घर में भक्ति का माहौल रहने के कारण बचपन में ही मात्र 6 वर्ष की अल्पआयु में ही आपके हृदय में भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेमभाव जागृत हो गया। बचपन में दादाजी एवं दादीजी के द्वारा भगवान की करुणा, उदारता और भक्त के प्रति अनन्य प्रेम से जुड़ी कहानियां सुनकर आपके मासूम और निश्चल कोमल हृदय में भगवान के प्रति दृढ़ विश्वास बढ़ता चला गया और यही प्रेमभाव, भक्तिभाव 6 वर्ष की छोटी बालिका जया "किशोरीजी" के मुखारबिन्द से ऐसा उमड़ा, जिसने भजनों के माध्यम से जन-जन के हृदय को बहुत ही गहराई से छुआ। बचपन से ही परम पूज्य गोलोकवासी स्वामी श्री रामसुखदासजी महाराज की वाणी से अत्यधिक प्रभावित होकर उनकी वाणी को ही आपने अपना गुरु स्वीकार कर लिया और उनके द्वारा गाये गये "नानी बाई रो मायरो" को अपनी मातृभाषा मारवाड़ी (राजस्थानी) भाषा में तैयार किया और फिर इसे जन-जन के हृदय तक पहुंचाया

Education :-  मात्र 9 वर्ष की अल्पआयु में ही आपने संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरुद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् आदि कई स्तोत्रों को गाकर जन-जन का मन मोह लिया। 10 वर्ष की अल्प आयु में ही आपने अमोघफलदायी सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड गाकर लाखों भक्तों के मन में अपना एक विशेष स्थान बना लिया। आपके तात्कालिन गुरु भागवताचार्य ज्योतिषाचार्य गुरुदेव पं. श्री विनोदकुमारजी सहल हैं, जिनसे आप श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।


Present Working -  Nani Bai Ko Mayro, Shree Mad Bhagwar Katha, Ramayan etc...


Shyam Lagan

वो क्षण कितना अद्भुत होगा,जब छूटेगी मन से तृष्णा..

हृदय द्वार पर दस्तक देगा,राधा के सँग मेरे कृष्णा..

वही रास फिर वही बांसुरी,वही मगन मन मतवाला..

झूम झूम के दोहरायेगा श्याम तुम्हारी मधुशाला..

🌹मेरी पहचान मेरे कान्हा जादूगर 🌹

🌹🌹शुभ संध्या व रात्रि मित्रो 🌹🌹

🙏👣 राधे कृष्णा 👣

🌹🌹🌹 ।।कान्हा कृपा करे सब पर ।।🌹

Thursday 1 September 2016



फूलो में सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी और साथ सज रही है ब्रिजभानु की दुलारी टेड़ा सा मुकुट रंखा है कैसे सर पर करुणा बरस रही है करुणा भरी निगाह से बिन मोल बीके गयी हु जबसे छबि निहारी फूंलों मेन सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी 


बन जाऊं तेरी प्यारी तुझे प्यार करते करते जीवन बिताया सारा इंतज़ार करते करते रह रह के मेरे दिल में उठती है ये तरंगे हैं दिल में मेरे केवल तुझसे मिलने की उमंगे कभी आ भी जाओ प्रीतम , यु ही राह चलते चलते बन जाऊं तेरी प्यारी तुझे प्यार करते करते जीवन बिताया सारा इंतज़ार करते करते...... Radhe Radhe